शराब के अवैध कारोबार में अधिकृत लायसेंसी का नाम सेंधवा दावल बेड़ी दुकान पर नियम विरुद्ध अहात

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रेवांचल टाईम्स – शराब के अवैध व्यापार को लेकर भले मुख्यमंत्री सख्त हो, भले ही खुले में शराब पीने की मनाही सरकार द्वारा की जाए किंतु जब शराब का लायसेंसी ही अवैध शराब के कारोबार में सलग्न हो, शराब दुकान के परिसर में ही ढाबे के नाम पर खुलेआम शराब परोसने का नियम विरुद्ध कार्य किया जा रहा हो तब प्रशासन की लाचारी और मिलीभगत दोनो की आशंका जन्म लेती है।


विगत दिनों ग्रामीण थाना पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर ग्राम आमझिरी में आदिवासी महारसिंह के मकान से 155 पेटी अंग्रेजी शराब पकड़ी थी। उक्त कार्यवाही बड़वानी जिला एसपी पुनीत गेहलोद के निर्देश पर गठित टीम ने देर रात छापामार कार्यवाही को अंजाम देकर सेंधवा जनपद की ग्राम पंचायत आमझिरी में 4 लाख 60 हजार से भी अंग्रेजी की शराब जप्त थी। कार्यवाही के दौरान आरोपी महारसिंह मौके से फरार हो गया था। जिसे पुलिस ने घटना के दो दिन बाद ही गिरफ्तार कर न्यायालय पेश किया। न्यायालय द्वारा पुलिस पूछताछ के लिए मिले पीआर में आरोपी महारसिंह ने लम्बे समय से शराब का धंधा करने एवम आमझीरी में पकड़ा गई शराब भगवानपूरा दुकान के सेल्समैन अजय तिवारी ने लायसेंसी आनंदीलाल मालवीय के कहने पर आमझिरी वाहन के माध्यम से भेजी थी। महार सिंह ने यह भी बताया की वह आनंदीलाल से लंबे समय से शराब खरीद रहा है। आदिवासी महारसिंह के बयान से कहानी स्पष्ट प्रतीत हो रही है। भगवानपुरा के लायसेंसी ने अवैध रूप से सेंधवा जनपद के ग्राम आमझिरी में अवैध शराब तस्करी के माध्यम से पहुचाई थी।
महार सिंह के बयान के 15 दिन के बाद भी पुलिस द्वारा जांच के नाम पर अब तक कोई कार्यवाही नहीं की गई है। भगवानपुरा के लायसेंसी शराब तस्कर आनंदीलाल और भगवान पूरा शराब दुकान के सेल्समैन अजय तिवारी की अब तक गिरफ्तारी नहीं होना पुलिस कार्यवाही को संदेश के घेरे में खड़ा करती है।
आमझिरी गांव में अवैध शराब का संदेही आनंदीलाल मालवीय भगवान पूरा के साथ सेंधवा शहर की दुकान का भी लायसेंसी है। शहर के दावल बेड़ी क्षेत्र में स्थित दुकान के परिसर में नियम विरुद्ध अहाते का संचालन कर रहा है। सरकार द्वारा एक और खुले में शराब पिलाने की सख्त मनाही का फरमान जारी कर रखा है। दूसरी ओर दुकान के परिसर में अवैध रूप से ढाबे के नाम पर शराब पिलाई जा रही है। आश्चर्य है इस बात का है की आबकारी विभाग और पुलिस की नाक के नीचे अहाते की अनुमति लिए बगैर ढाबे के नाम पर अहाता संचालित कर आबकारी विभाग के राजस्व को तो चुना लगा ही रहा है। दूसरी ओर शराब दुकान के परिसर में ढाबे के नाम पर नियम विरुद्ध खुले में शराब भी पिला रहा है। शराब के अधिकृत लायसेंसी का नियम विरुद्ध ढाबे के नाम पर अहाते का संचालन करना पुलिस और आबकारी विभाग की निष्क्रियता का उदहारण है। वहीं आमझिरी में पकड़ाई अवैध शराब में लायसेंसी आनंदीलाल और सेल्समैन अजय तिवारी पर जांच के नाम पर अब तक कार्यवाही नहीं करना पुलिस की कार्यवाही को संदेह के घेरे में खड़ा करता है।
–सेंधवा दावल बेड़ी पर शराब दुकान पर खोल दिया ढाबा

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